< पंचपरमेश्वर विद्यापीठ-अंतरराज्यीय ग्रामीण नेतृत्व विकास कार्यशाला
पंचपरमेश्वर विद्यापीठ ‘विवेकवान नेतृत्व विकास’ से सम्बंधित विषय एवं कार्य के अध्ययन एवं प्रशिक्षण का एक महत्वपूर्ण केन्द्र है। इसके अन्तर्गत ज्ञान, समझ और कौशल विकास के विषयों तथा संदर्भों का अध्ययन एवं प्रशिक्षण, गांव जीवन को केंद्र में रखते हुए किया जाता है।

1: युवा नेतृत्व विकास (27 व 28 दिसंबर 2024 ) -

किशनगंज (बिहार ) जिले के ठाकुरगंज ब्लाक में अजीम प्रेम जी फाउंडेशन के सहयोग से "प्रोजेक्ट पोटेन्शियल" द्वारा संचालित "ग्रामीण भारत नेतृत्व विकास" कार्यक्रम अंतर्गत दो दिवसीय (27 व 28 दिसंबर 2024 ) "विवेकवान नेतृत्व विकास प्रशिक्षण " का आयोजन.
प्रशिक्षण का कार्य "पंचपरमेश्वर विद्यापीठ " द्वारा सम्पादित.

2: क्षेत्र पंचायत (मध्यस्तरीय पंचायत )सदस्यों का प्रशिक्षण (20 व 21 दिसंबर 2024 ) -

बनवासी सेवा आश्रम सोनभद्र द्वारा क्षेत्र पंचायत (मध्यस्तरीय पंचायत ) सदस्यों का दो दिवसीय (20 व 21 दिसंबर 2024 )प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन. यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आश्रम द्वारा संचालित " पंच परमेश्वर विद्यापीठ प्रशिक्षण केंद्र" के तत्वावधान में आयोजित हुआ. प्रशिक्षक के रूप में सुश्री शुभा प्रेम के साथ मुझे भी अपना योगदान देने का सुअवसर मिला. विगत 10 वर्षों से संचालित तीसरी सरकार अभियान के लिए यह पहला अवसर था जब क्षेत्र (ब्लाक ) स्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण में शामिल हुआ. इस कार्यक्रम में सोनभद्र जिले के पांच ब्लाकों के 35 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए.

3: विवेकवान नेतृत्व विकास हेतु प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम (15-17 मार्च-2024 ) -

पंचपरमेश्वर विद्यापीठ द्वारा संचालित विवेकवान नेतृत्व विकास हेतु प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजन 15 से 17 मार्च 2024 तक प्रतापगढ़ (उत्तरप्रदेश) जिले के ग्रामीण क्षेत्र में सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ।
■ तीसरी सरकार अभियान के अंतर्गत संचालित " पंच परमेश्वर विद्यापीठ " के तत्वावधान में आयोजित इस तीन दिवसीय आवासीय और अन्तरराज्यीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में उत्तरप्रदेश सहित देश के सात राज्यों (मध्यप्रदेश , बिहार , उत्तराखंड , हरियाणा ,दिल्ली तथा उत्तरप्रदेश ) के 36 प्रतिभागी सम्मिलित हुए।
■ इसके अन्तर्गत देश के आठ राज्यों में 20 प्रशिक्षण एवं संसाधन केन्द्र शुरू किए गए हैं। इन प्रशिक्षण केन्द्रों पर सुचारू रूप से प्रशिक्षण कार्यक्रम के संचालन हेतु यह "प्रशिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम" आयोजित किया गया। इसमें इन प्रशिक्षण एवं संसाधन केंद्रों से अनुभवी एवं कुशल प्रशिक्षकों को विशेष रूप से बुलाया गया था।

4: अंतरराज्यीय ग्रामीण नेतृत्व विकास कार्यशाला (27-29 अक्टूबर 2023) -

प्रयागराज में तीसरी सरकार अभियान के तत्वावधान में विश्व युवा केन्द्र, पंचपरमेश्वर विद्यापीठ, वरदान फाउंडेशन, इण्डिया पंचायत फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में अंतरराज्यीय ग्रामीण नेतृत्व विकास कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन डा0 जनक पाण्डेय पूर्व कुलपति केंद्रीय विश्वविद्यालय बिहार के द्वारा किया गया।
प्रथम दिवस में कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि डा0 जनक पाण्डेय ने कहा कि जिस तरह से एन.आर.आई. होते हैं उसी तरह से गाँव के लोग जो बाहर चले जाते हैं वो गाँव के लिए एन आर वी है अर्थात अप्रवासी गाँववासी हैं, गाँव के विकास में अप्रवासी गाँव वासियों का योगदान लेने के लिए नेतृत्वकर्ता उनसे सम्पर्क कर गाँव के विकास में उनका योगदान मांग सकता है।
इस तीन दिवसीय कार्यशाला में खुशहाल गाँव, नेतृत्व के गुण और विशेषताएं तथा ग्रामीण नेतृत्व विकास में सामाजिक संगठनों की भूमिका विषय पर समूह चर्चा के माध्यम से उन तथ्यों एवं उपायों की तलाश की गई जो वर्तमान समय की वस्तुस्थिति तथा आवश्यकता है। इसी के आधार पर कार्यशाला के तीसरे दिन ग्रामीण नेतृत्व विकास हेतु सभी संगठनों की तरफ से साझी कार्ययोजना का निर्माण किया गया। जिसके अंतर्गत ‘पंचपरमेश्वर विद्यापीठ’ के प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना का संकल्प लिया गया।
तीसरे दिन कार्यशाला के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर कृष्ण बिहारी पाण्डेय ने कहा कि गाँव से लगातार पलायन हो रहा है। ग्रामीण नेतृत्व के द्वारा सबसे पहले गाँव में शहरों जैसे संसाधन जोडने होंगे जिससे कि गाँव से प्रतिभाओं का पलायन रोका जा सके, उन्होंने कहा कि आज जो अच्छा पढ जा रहा है, जिसकी अच्छी नौकरी लग जा रही है वो गाँव लौटकर नहीं आता वो शहर में ही बस जाता है इससे गाँव में नेतृत्व के लिए सही प्रतिभा नहीं मिल रही है। हमें इस दिशा में प्रयास करने होंगे। कार्यशाला में 9 राज्यों (उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, झारखंड, उत्तराखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ तथा राजस्थान) के 75 प्रतिभागी शामिल रहे।