• विश्व युवक केंद्र नई दिल्ली, पंच परमेश्वर विद्यापीठ, महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ एवं राजकीय बालिका महाविद्यालय सेवापुरी के संयुक्त तत्वावधान में “नागरिकता एवं लोकतंत्र” विषयक एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ के नरेंद्र देव समिति सभागार में किया गया। इस अवसर पर उपस्थित काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. आनन्द कुमार त्यागी ने कहा कि नागरिकता की सर्वमान्य परिभाषा नहीं दी जा सकती है। कुछ लोग नागरिक बनने के लायक भी नहीं होते हैं फिर भी उन्हें नागरिकता मिल जाती है। लोकतंत्र में समानता के अधिकार, बोलने की आजादी होनी चाहिए, लेकिन अब खुले तौर पर गरिमा का उल्लघन हो रहा है अब लोकतंत्र का स्वरुप बाधित हो रहा है आज राजनीतिक विश्लेषक और धार्मिक गुरु का दायित्व है कि समाज का सृजन कैसे करना है । सामाजिक समरसता पर जोर देना होगा। राष्ट्रीयता का स्वरुप मानवतावादी होना चाहिए ।
पंच परमेश्वर विद्यापीठ के चेयरमैन डॉ. चन्द्रशेखर प्राण ने कहा कि भारत में लोग रहते हैं, जबकि जापान में नागरिक रहते हैं । अपने नागरिकों के कारण ही जापान एक विकसित राष्ट्र की श्रेणी में है । उन्होंने कहा कि आजादी के बाद सबसे पहले हमने नागरिकता के अधिकार को स्वीकृत किया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रोफ़ेसर रजनी रंजन झा ने अरस्तु की चर्चा करते हुए नागरिकता के प्रकारों को विश्लेषित किया। उन्होंने कहा कि गाँधी ने चेताया था कि सबको नागरिकता नहीं देना चाहिए। वास्तव में 73 वें संविधान संशोधन के बाद देश में नागरिकता का विकास हुआ है।
पंचायतीराज भारत सरकार के पूर्व सचिव सुनील कुमार ने ऑनलाइन संबोधित करते हुए स्थानीय शासन और ग्राम सभा पर बल दिया। उन्होंने कहा कि गांवों का प्रत्येक मतदाता उसका सदस्य होता है। भारत सरकार को मोहल्ला सभा को विकसित करना चाहिए। विशिष्ठ अतिथि इण्डिया पंचायत फाउंडेशन के गवर्निंग काउन्सिल के सदस्य श्रीराम पप्पू ने बताया कि सबसे पहले बदलाव गाँव स्तर पर होना चाहिए। सरकारी नीतियों के मापन के लिए सबसे वंचित वर्ग के ऊपर प्रभाव को देखना चाहिए। सबसे पहले व्यक्तिगत विकास फिर सामाजिक, आर्थिक, पर्यावरण और संस्थागत होना चाहिए।
इस मौके पर डीन लॉ डिपार्टमेंट SGT यूनिवर्सिटी, गुड़गाँव, हरियाणा डॉ. ऋचा चौधरी, विश्व युवक केंद्र नई दिल्ली के वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी अजीत राय, डिप्टी डीन, प्रबंध एवं वाणिज्य विभाग SGT यूनिवर्सिटी, गुड़गाँव, हरियाणा डॉ. रितिका दधिची, राष्ट्रीय ग्राम विकास एवं पंचायतीराज संस्थान के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर डॉ. लाखन सिंह आदि ने अपने-अपने विचार रखे। स्वागत प्रोफ़ेसर आरिफ, संचालन विभागाध्यक्ष राजनीति शास्त्र विभाग, पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय बालिका महाविद्यालय, सेवापुरी डॉ. रवि प्रकाश सिंह एवं धन्यवाद् ज्ञापन प्रो. रवि प्रकाश गुप्ता ने किया।
• इस तीन दिवसीय आवासीय कार्यशाला में देश के 7 राज्यों से 83 सामाजिक संगठनो एवं पंचायत के प्रतिनिधियों तथा विषय विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया। कार्यशाला में पंचायतों के संस्थागत विकास, ग्रामीण नेतृत्व विकास में सामाजिक संगठनों की भूमिका, भावी पहल एवं प्रयास के लिए साझी कार्य योजना का निर्माण, आदि विषयों पर सहभागी विश्लेषण, समूह चर्चा एवं विमर्श हुआ तथा कार्ययोजना के क्रियान्वयन हेतु रोड मैप भी तैयार किया गया।
■ तीसरी सरकार अभियान के अंतर्गत इंडिया पंचायत फाउंडेशन" तथा "पंच परमेश्वर विद्यापीठ" द्वारा स्थानीय सामाजिक संगठनों एवं जन सहयोग से पूर्ण उत्साह के साथ सफलतापूर्वक आयोजित । गायत्री आत्मोत्थान संस्था का विशेष योगदान ।
■ दस राज्यों (महाराष्ट्र, उडीसा, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश) के 100 से अधिक ग्राम सभा सदस्य, निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधि, सामाजिक संगठनों के प्रमुख तथा स्वैच्छिक कार्यकर्ताओ की सक्रिय सहभागिता
■ पूर्णतया आवासीय व कुम्भ मेला क्षेत्र में स्थित टेंट से निर्मित कैम्प में सम्पन्न ।
■ 28 व 29 जनवरी को चिंतन शिविर का कार्यक्रम । दोनों दिन निर्धारित बिषय पर गंभीर विचार विमर्श तथा आगे की दिशा, मार्ग तथा कार्य तय किये गए ।
■ 30 जनवरी - बापू के बलिदान का दिवस । संगम तट पर बापू को श्रद्धांजलि तथा प्रतिभागियों द्वारा गांव में स्वशासन व समृद्धि के लिए संकल्प ।
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