< Our Strategy-पंचपरमेश्वर विद्यापीठ
पंचपरमेश्वर विद्यापीठ ‘विवेकवान नेतृत्व विकास’ से सम्बंधित विषय एवं कार्य के अध्ययन एवं प्रशिक्षण का एक महत्वपूर्ण केन्द्र है। इसके अन्तर्गत ज्ञान, समझ और कौशल विकास के विषयों तथा संदर्भों का अध्ययन एवं प्रशिक्षण, गांव जीवन को केंद्र में रखते हुए किया जाता है।

पाठयक्रम

विद्यापीठ के अंतर्गत जहाँ एक ओर वर्तमान एवं भविष्य दोनों काल के नेतृत्वकर्ताओं के लिए पाठ्यक्रम तैयार किया गया है वहीं दूसरी ओर ग्रामीण एवं शहरी दोनों क्षेत्रों में शिक्षण एवं प्रशिक्षण का कार्य सम्पादित किया जाना तय हुआ है। विद्यापीठ द्वारा तैयार किये जाने वाले पाठ्यक्रम का जो स्वरुप तय किया गया है, उसमें नेतृत्व विकास हेतु प्रथम स्तर पर फाउंडेशन कोर्स (आधारभूत पाठयक्रम) है. इसके अन्तर्गत निर्धारित विषयों के सन्दर्भ में प्रारंभिक स्तर की सही समझ के साथ व्यक्तित्व विकास का पाठ्यक्रम होगा। विभिन्न वर्गों की दृष्टि में रखते हुए पाठ्यक्रम को शिक्षण और प्रशिक्षण की दृष्टी से मुख्यतः दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है जो इस प्रकार है.

  • • शिक्षण की दृष्टि से- ये कोर्स सामान्यतः विद्यार्थियों के लिए तैयार किया गया है। इसमें कालेज एवं विश्वविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों को नई शिक्षा नीति के अनुसार माइनर कोर्स, स्किल डेवलपमेंट कोर्स तथा वैल्यू एडेड कोर्स के रूप में पाठ्यक्रम एवं पाठ्य सामग्री तैयार की गई है। वर्तमान समय में नेतृत्व एवं व्यक्तित्व विकास, स्थानीय स्व-सरकार एवं स्व-शासन तथा नागरिक एवं लोकतंत्र जैसे विषयों पर कोर्स तैयार किया गया है। ये सभी कोर्स नई शिक्षा नीति के अनुसार, सेमेस्टर, क्रेडिट तथा घंटे के आधार पर बनाये गए हैं। .

  • • प्रशिक्षण की दृष्टि से- ये प्रशिक्षण पाठ्यक्रम सामान्यतः तीनों प्रमुख क्षेत्रों (समाज, राज्य तथा बाजार ) के वर्तमान नेतृत्व को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। यह मूलतः आवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम है। सर्टिफिकेट कोर्स के रूप में यह कोर्स भी पूर्व की तरह नेतृत्व, स्व-शासन तथा लोकतंत्र पर आधारित है। जो वर्तमन समय में तैयार है।

  • उपरोक्त दोनों प्रकार के पाठ्यक्रम को व्यवस्थित रूप से संचालित करने हेतु निम्न्नंकित तरीका व्यवस्था तय की गई है-

विद्यापीठ के लिए शिशकों, प्रशिक्षकों और संदर्भ व्यक्तियों का एक संगठित समूह विकसित किया गया है।

  • • प्रशिक्षक- पाठयक्रम से सम्बंधित विषय में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त सुयोग्य एवं अपेक्षित कौशल युक्त समर्पित प्रशिक्षकों की टीम तैयार की गयी है। इन्हें विशेष प्रशिक्षण देकर तैयार किया गया है। .

  • • अध्यापक- विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के मानदंडों के अनुसार योग्यता वाले अध्यापकों को इसके लिए तैयार किया गया है ।

  • • संदर्भ व्यक्ति- सुयोग्य एवं कुशल संदर्भ व्यक्तियों की पहचान इनके पाठयक्रमों के लिए की गयी है। इनमें विश्वविद्यालय, महाविद्यालय के प्राध्यापक तथा अनुभवी सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं। इनका विशेष ओरिएंटेशन एवं क्षमता संवर्धन किया गया है।

पाठ्य सामग्री -

पाठ्यक्रम की सामग्री सरल, तर्कपूर्ण, अनुभवजन्य एवं अंतर्विरोध रहित है। इसके अंतर्गत विचार एवं तथ्यों में तारतम्यता है। संदर्भ एवं दृष्टांत व्यवहारिक जीवन से लिए गए हैं।
प्रारंभिक स्तर पर पाठ्य सामग्री हिंदी तथा अंग्रेजी भाषा में तैयार की गयी है। आवश्यकता अनुसार अन्य राज्यों की क्षेत्रीय भाषाओं में भी पाठ्य सामग्री को तैयार किया जा रहा है। .

लक्ष्य समूह -

समाज, राज्य और बाजार के क्षेत्र में नेतृत्व के लिए प्रयत्नशील लोग, राज्य और बाजार के अधिकारी एवं व प्रबंधक, स्थानीय स्व- सरकार के प्रतिनिधि, स्वयं सेवी संगठनों एवं कल्याणकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि, सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय कार्यकर्ता तथा शिक्षण संस्थानों में अध्यनरत विद्यार्थी विद्यापीठ के लक्ष्य समूह में शामिल हैं। .

पाठ्यक्रम शुल्क -

  • • विद्यापीठ मूलतः- नो प्रोफिट नो लॉस’ के सिद्धान्त पर चलाया जा रहा है। अतः इसके प्रत्येक पाठ्यक्रम के लिए होने वाले सम्भावित व्यय के आधार पर पाठ्यक्रम शुल्क निर्धारित किया जायेगा। आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रमों में पाठ्यक्रम शुल्क के अतिरिक्त आवास एवं भोजन के व्यय का भी भुगतान प्रशिक्षणार्थियों द्वारा किया जाना है। जिसका निर्धारण स्थानीय परिस्थिति के अनुसार किया गया है।

  • • प्रमाण पत्र -

  • .सफलतापूर्वक अध्ययन एवं प्रशिक्षण पूर्ण करने पर प्रशिक्षार्थियों को सम्मानजनक प्रमाण-पत्र दिया जायेगा। शिक्षार्थियों को अंकपत्र/ प्रमाणपत्र उनके संबन्धित विश्वविद्यालय तथा विद्यापीठ द्वारा संयुक्त रूप से प्रदान किया जाएगा।