जैसा कि पूर्व में स्पष्ट किया गया है कि विद्यापीठ का मुख्य लक्ष्य ‘विवेकवान नेतृत्व’ का विकास है। इस ‘विवेकवान नेतृत्व’ की आवश्यकता समाज, राज्य व बाजार जैसे तीन क्षेत्रो में है। अतः तीनों क्षेत्रों के लिए विद्यापीठ अपना कार्यक्रम नियोजित कर रहा है । लेकिन तीनों के लिए प्रारम्भिक स्तर पर जहाँ एक तरह का पाठ्यक्रम है, वहीं इनके लिए द्वितीय स्तर (एडवांस लेबल) पर आवश्यकता और स्वभाव के अनुरूप अलग-अलग पाठ्यक्रम तैयार किये जा रहे हैं ।
प्रारम्भिक स्तर पर संचालित पाठ्यक्रम मूलतः समय, समाज व संस्कृति की सही समझ विकसित करने हेतु हैं और यह पाठ्यक्रम तीनों वर्गों के नेतृत्व के लिए समान रूप से हैं। चूँकि राज्य व बाजार द्वारा अपनी आवश्यकतानुसार नेतृत्व विकास का कार्यक्रम पहले से बड़े सुनियोजित तरीके से संचालित किया जा रहा है, अतः विद्यापीठ में समाज की आवश्यकता और समय की माँग के अनुरूप, जैसे तीन क्षेत्रो (समाज, राज्य, बाजार ) के नेतृत्व के भीतर, सामाजिक दृष्टिकोण और सामाजिक जिम्मेदारी पैदा करने के लिए द्वितीय स्तर का पाठ्यक्रम विशेष रूप से तैयार किया जा रहा है ।
विद्यापीठ के विकास एवं विस्तार की रणनीति.
* पंचपरमेश्वर विद्यापीठ जीवन के सभी क्षेत्रों के लिए विवेकवान नेतृत्व तैयार करने हेतु समर्पित संस्थान है।
* विद्यापीठ अपने विकास के लिए सदैव उचित प्रक्रिया और पवित्र साधनो का प्रयोग करेगा।
* विद्यापीठ,लोकतांत्रिक मूल्यों और प्रक्रिया के अंतर्गत संचालित है।
* विद्यापीठ के प्रबंधन के लिए एक प्रबन्ध समिति है, जो सभी तरह की आवश्यकताओं, शैक्षणिक गतिविधियों और प्रशासनिक कार्यों के संबंध में निर्णय लेती है।
* विद्यापीठ का कुलगुरू,समस्त शिक्षण, प्रशिक्षण और प्रशासनिक गतिविधियों का मुख्य संचालक है।
* विद्यापीठ में अध्ययन व्यवस्था ऑनलाइन और फिजिकल, दोनो तरह की प्रणाली पर आधारित है। इसके लिए देश के विभिन्न क्षेत्रों में अध्ययन और प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किए जा रहे हैं।
* विद्यापीठ का कोर्स और पाठ्यक्रम यू.जी.सी. के मानकों के समतुल्य और नई शिक्षा नीति के अनुसार सेमेस्टर और क्रेडिट पद्धति पर आधारित हैं।
* पाठ्यक्रम में सैद्धांतिक और व्यावहारिक दोनों पद्धतियों का समावेश किया गया है।
* विद्यापीठ अपने विकास और कार्य विस्तार के लिए क्रमशः आगे बढ़ रहा है और आगे बढ़ने के क्रम में जो उचित संभावनाए उत्पन्न होंगी, उनका सदुपयोग किया जाएगा।
* विद्यापीठ अपने कार्य के विस्तार के लिए देश के विभिन्न क्षेत्रों में पहले से संचालित शिक्षण संस्थानों और सामाजिक संगठनों के साथ सहयोग का आदान-प्रदान भी कर
रहा है।